Skip to content
kujurdeepti.in
kujurdeepti.in

Follow your Dreams

  • Home
  • About Us
  • Historical/Mysterious Places & Stories
  • Book summary & Biography (Hindi)
  • The Indian Tribes
  • Historical Facts
  • Education System ( Science & Technology )
  • History [World,Indian,Chhattisgarh]
  • Contact us
  • Privacy Policy
    • Posts
kujurdeepti.in

Follow your Dreams

Who is Jaipal Singh Munda?|जयपाल सिंह मुंडा कौन हैं?

Posted on July 13, 2023August 16, 2024 By Deepti

पूरा नामईश्वर जयपाल सिंह मुंडा
प्रचलित नाम‘मरड गोमके’
जन्म –
मृत्यु –
3 जनवरी 1903 ( जन्म )
20 मार्च 1970 को दिल्ली में ( मृत्यु )
जन्म स्थानझारखण्ड के खूँटी नमक छोटे से गॉव में
जनजाति समुदाय से सम्बंधितमुंडा जनजाति
शुरुवाती शिक्षारांची के सेंट पाल स्कूल
कॉलेज की शिक्षाऑक्सफ़ोर्ड विश्व विधालय इंग्लैंड
उनके प्रारंभिक गुरु ‘रेव केकान कोसग्रेन’
प्राप्त पुरस्कार* जयपाल सिंह मुंडा 1925 में ऑक्सफ़ोर्ड ब्लू का ख़िताब पाने वाले एक मात्र हॉकी खिलाडी बने।
* 1928 में भारत के ओलम्पिक में हॉकी में स्वर्ण पदक मिला ( वे कप्तान थे )
लोकसभा सदस्य 1952 में
आदिवासी महासभा का गठन किया1938 में

Contents-

1.परिचय
2.प्रारंभिक जीवन
3.शिक्षा
4.योगदान और कार्यक्षेत्र
5.पुरस्कार
6.मृत्यु

1.परिचय –

आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करेंगे जो आदिवासियों और झारखण्ड आंदोलन के सर्वोच्च नेता होने के साथ – साथ एक महान हॉकी खिलाडी भी थे। जी हाँ हम बात कर रहे हैं ‘जयपाल सिंह मुंडा’, की।

रांची में जन्मे हॉकी के प्रसिद्ध खिलाडी में आदिवासी नेता ‘मरड गोमके’ के नाम से विख्यात डॉ जयपाल सिंह का 1928 में एम्स्टर्डम ( हॉलैंड ) में आयोजित ओलम्पिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था, इसमें भारत में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था।

1936 में वे राजनीती में आये और बाद में इन्होने झारखण्ड पार्टी का गठन किया। जयपाल सिंह मुंडा ने आदिवासियों को अपने हक और न्याय के लिए अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। इन्होने अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति के हित में कार्य किया।

2.प्रारंभिक जीवन –

जयपाल सिंह मुंडा का जन्म 3 जनवरी 1903 में रांची, झारखण्ड के खूँटी नामक छोटे से गॉव में हुआ था। इनका वास्तविक नाम ईश्वर जयपाल सिंह मुंडा था। वे झारखण्ड के ‘मुंडा जनजाति’ से सम्बंधित थे।

3.शिक्षा –

इनकी शुरुवाती शिक्षा रांची के सेंट पॉल स्कूल से हुई, इसकेबाद वहां के प्रधानाचार्य ने आगे की शिक्षा के लिए उन्हें इंग्लैंड भेजा। स्कूल शिक्षा के बाद उन्होंने आगे की पड़ाई ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविधालय से प्राप्त की। मिशनरीज की सहायता से वे ऑक्सफ़ोर्ड के सेंट जोन्स कॉलेज में पड़ने गए। पढ़ाई में काफी अच्छे थे साथ ही साथ हॉकी खिलना भी उन्हें काफी पसंद था। सेंट पॉल के प्रधानाचार्य ने उन्हें समाज के उत्थान के लिए प्रेरित किया और वही उनके प्रारंभिक गुरु बने, उनका नाम ‘रेव केकान कोसग्रेन’ था।

जयपाल सिंह का चयन भारतीय सिविल सेवा ( ICS )में हो गया था, लेकिन 1928 में एम्स्टर्डम में ओलम्पिक हॉकी में पहला स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय टीम के कप्तान के रूप में नीदरलैंड चले गए, जिसके कारण उनका प्रशिक्षण प्रभावित हुआ। वे जब वापस आये तो उन्होंने 1 वर्ष का प्रशिक्षण दोबारा करने से इंकार कर दिया।

4.योगदान और कार्यक्षेत्र –

* आदिवासियों के हक़ के लिए उन्होंने 1938 में आदिवासी महासभा का गठन किया।

* उन्होंने बिहार से अलग होकर एक अलग राज्य की मांग की।

* मध्य पूर्वी भारत में आदिवासियों को शोषण से बचाने के लिए आदिवासी राज्य बनाने की मांग की, उनके प्रस्तावित राज्य में वर्तमान झारखण्ड, उड़ीसा, उतरी भाग, छत्तीसगढ़ और बंगाल के कुछ हिस्से भी शामिल थे।

* 1938 के आखरी महीने में जयपाल सिंह ने पटना और रांची का दौरा किया इस दौरान आदिवसियों के ख़राब हालत को देखते हुए उन्होंने राजनीती में आने का फैसला किया।

* उनके मांगे पूरी नहीं हुई जिसका नतीजा यह हुआ की इन इलाकों में शोषण के खिलाफ नक्षलवाद नक्सलवाद जैसी समस्या पैदा हो गई जो आज भी देश में अशांति के बड़े कारणों में से एक है।

* 2000 में झारखण्ड राज्य का निर्माण तो हुआ लेकिन आदिवासियों की संख्या घटकर करीब 26 फ़ीसदी ही बची। 1951 में 51% हुआ करती थी।

* गाँधीवादिदियों के दबाव में आकर सविंधान के नीति निर्देशक तत्व में शराबबंदी को शामिल कर लिया गया, संसद में संविधान के मसौदे में हुई बहस के दौरान जयपाल सिंह ने शराब बंदी का खुलकर विरोध किया। जयपाल सिंह ने कहा शराब आदिवासियों के त्योहारों, रीतितिवाजों और दैनिक जीवन का एक हिस्सा बन गया है, यह भारतीय प्राचीन भाषा के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप होगा।

* 1952 में वे प्रथम लोकसभा के सदस्य बने और आजीवन अपने क्षेत्र ने लोकसभा के सदस्य बने रहे।

विशेष – अगर आप भारत के आदिवासियों (Tribes) के बारे में विस्तार (detail) से जानना चाहें, उन्हें जनजाति क्यों कहा गया, तो आप इसी ब्लॉग में पोस्ट पढ़ सकते हैं। हमने 2011 की भारत की जनगणना के के अनुसार जनजातियों के नाम और निवास क्षेत्र को वर्गीकरण ( Classification ) द्वारा समझाया है।

The Indian Tribes||Classification of indian Trribes भारतीय जनजातियां|भारतीय जनजातियों का वर्गीकरण

5.पुरस्कार –

* जयपाल सिंह मुंडा 1925 में ऑक्सफ़ोर्ड ब्लू का ख़िताब पाने वाले एक मात्र हॉकी खिलाडी बने।

* 1928 में भारत के ओलम्पिक में हॉकी में स्वर्ण पदक मिला ( वे कप्तान थे )

6.मृत्यु –

जयपाल सिंह का निधन 20 मार्च 1970 को दिल्ली में हुआ। उनके भारतीय सामाजिक और राजनैतिक योगदान को याद नहीं किया जा रहा यह बड़े ही दुर्भाग्य की बात है।

FAQ

Q. जयपाल सिंह मुंडा कौन थे?

ans. जयपाल सिंह मुंडा आदिवासियों और झारखण्ड आंदोलन के सर्वोच्च नेता थे, साथ ही हॉकी के प्रसिद्ध खिलाडी भी थे।

Q. उन्हें आदिवासी समुदाय के लोग क्या कह कर पुकारते थे?

ans.’मरड गोमके’

Q. जयपाल सिंह ने अपने कॉलेज की पढ़ाई कहाँ से प्राप्त की?

ans. ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविधालय इंग्लैंड से।

Q. उन्हें हॉकी में कौन सा पुरष्कार मिला था।

ans.1928 में भारत के ओलम्पिक में हॉकी में स्वर्ण पदक मिला ( वे कप्तान थे )

Q. वे लोकसभा के सदस्य कब बने?

ans.1952 में वे प्रथम लोकसभा के सदस्य बने और आजीवन अपने क्षेत्र ने लोकसभा के सदस्य बने रहे।

Q. जयपाल सिंह ने आदिवासी महासभा का गठन कब किया?

ans.उन्होंने 1938 में आदिवासी महासभा का गठन किया।

Q. जयपाल सिंह का निधन कब और कहाँ हुआ।

ans. जयपाल सिंह का निधन 20 मार्च 1970 को दिल्ली में हुआ।

Who is Birsa Munda?|कौन हैं बिरसा मुंडा?

Note- ये सभी जानकारियाँ(Information) इंटरनेट(Internet) से ली गईं हैं, अगर कोइ जानकारी गलत लगे तो आप हमें कमेंट(Comment) कर सकते हैं,हम इसे अपडेट करते रहेंगे। आपको हमारी आर्टिकल अच्छी लगती हैं तो आगे भी पड़ते रहें और इसे शेयर(share) करें।

The Indian Tribes

Post navigation

Previous post
Next post

Related Posts

“जहर जिनगी गही”कुड़ुख भाषा की पहली फिल्म|”Jahar Jinagi Gahi” First Kurukh Film

Posted on November 19, 2022November 30, 2022

कुड़ुख भाषा की पहली फिल्म:छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्र हैं जहाँ कुरुख भाषा और संस्कृति का प्रभाव है। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की एक शिक्षक के द्वारा पहली कुड़ुख भाषा की फिल्म का निर्देशन किया गया है। इस फिल्म का नाम “जहर जिनगी गही” है हिंदी भाषा में इसका नाम “जहर…

Read More

Who is Birsa Munda?|कौन हैं बिरसा मुंडा?

Posted on July 15, 2023July 19, 2024

पूरा नाम बिरसा मुंडा उपनाम बिरसा, धरती बाबा, दाऊद, विश्वपिता पिता का अवतार जन्म तिथि 15 नवंबर 1875 ( दिनबृहस्पतिवार ) जन्म स्थान गांव- उलीहातू, जिला- खूँटी, झारखण्ड पिता का नाम मसीह दास माता का नाम कर्म हटू मुंडा ( करनी मुंडा ) प्रारंभिक शिक्षा साल्गा गांव उच्च प्राइमरी शिक्षा…

Read More

Rashtriy aadivasi nrity mahotsav 2022 CHHATTISGARH|राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2022 छत्तीसगढ़

Posted on November 14, 2022August 8, 2024

                                                                                                   …

Read More

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

©2025 kujurdeepti.in | WordPress Theme by SuperbThemes