Electric Car–

Contents-
1.परिचय 2.इतिहास 3.इलेक्ट्रिक कार कैसे काम करती है? 4. इलेक्ट्रिक कार के मुख्य भाग 5.इन वाहनों के फायदे 6.इन वाहनों की कमियां 7.इलेक्ट्रिक कार और भारत |
1. परिचय –
मनुष्य अपनी सुविधा के लिए निरंतर नए – नए अविष्कार करता आ रहा है उसी क्रम में मनुष्य ने इलेक्ट्रिक कार का अविष्कार किया है, यह मानवजाति के लिए क्रन्तिकारी आविष्कारों में से एक है। ये कार विद्युत बैटरी की ऊर्जा पर चलती है। इलेक्ट्रिक कार पर्यावरण को कम नुकसान देती है, क्योंकि ये डीसल एवं पेट्रोल कार से काम उत्सर्जन करती है। इससे आवाज भी काम आती है और इसमें लागत भी काम लगता है।
2. इतिहास:
मानव औधोगिकीकरण और अपने सुख सुविधा को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए पर्यावरण का नुकसान करता आ रहा है, लेकिन आज पर्यावरण प्रदूषण के कारण मानव अस्तित्व खतरे में आ गया है इन सब को देखते हुए आज ऐसे भी अविष्कार किये जा रहे हैं जो पर्यावरण को काम से काम नुकसान दे इसी प्रयास में इलेक्ट्रिक कार क अविष्कार हुआ, और तेल की कीमत भी हमेशा बढ़ती जा रही है इसलिए इलेक्ट्रिक कार एक अच्छा विकल्प है।
आज ये टेक्नोलॉजी नई लगती है है लेकिन इसका अविष्कार 150-200 साल पहले होना शुरू हो चूका है। 18वीं शताब्दी में जब औधोगिकीकरण क्रांति हुई तभी से इसका अविष्कार शुरू हो गया था लेकिन उस समय विश्व काफी परेशानियों से जूझ रहा था इसलिए इसका विकास धीमा हो गया, 1832-1839 ईस्वी के बीच रोबर्ट एंडरसन ने पहला इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव वाहन बनाया था।
3. इलेक्ट्रिक कार कैसे काम करती है?
इलेक्ट्रिक कार में लीथियम बैटरियों का उपयोग किया जाता है, ये वजन में बहुत हल्की होती है इनका लाइफ टाइम अधिक होता है, ये सबसे महत्वपूर्ण बात है क्यूंकि इन कारों में बैटरी ही सबसे महत्वपूर्ण है। ये बैटरी डायरेक्ट करंट ( Direct Current )को कार में लगे इन्वर्टर ( inverter ) में भेजती है और ये इन्वर्टर डायरेक्ट करंट को अल्टरनेट करंट ( Alternate Current )में परिवर्तित कर देता है, ये अल्टरनेट करंट मोटर को चालू कर देता है।
इसमें किसी भी प्रकार का इंजन नहीं होता है, जब भी कार में ब्रेक लगाए जाते हैं तो मोटर अल्टरनेटर बन जाता है और इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न करता है और ये इलेक्ट्रिसिटी बैटरी में स्टोर कर ली जाती है।
4. इलेक्ट्रिक कार के मुख्य भाग –
1.बैटरी ( battery )
2.चार्ज पॉइंट ( charge point )
3.डायरेक्ट करंट कनवर्टर ( converter )
4.इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन मोटर ( electric Traction motor )
5.आन बोर्ड ( On Board )
6.पावर एलेट्रिक कण्ट्रोल ( power electric Control )
7.थर्मल सिस्टम ( Thermal System)
8.ट्रेक्शन बैटरी पैक ( Traction battery pack )
9.ट्रांसमिशन ( transmission )
5.इन वाहनों के फायदे –

1. इलेक्ट्रिक कार से प्रदूषण नहीं होता है जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता।
2. इसमें तेल का स्तेमाल नहीं होता, तेल बहुत मंहगा होता जा रहा है।
3. इन वाहनों को चार्ज करने के लिए कम से कम बिजली का स्तेमाल होता है।
4. इन वाहनों को घर पैर लगे साधारण प्लग से भी चार्ज किया जा सकता है चार्जिंग स्टेशन जाने की जरुरत नहीं होती।
6.इन वाहनों की कमियां –
1.इलेक्ट्रिक कार की कीमत पेट्रोल – डीजल कार की तुलना में अधिक है।
2.इलेक्ट्रिक कार चार्ज होने में अधिक समय लगाता है तेल डलवाने में काम समय लगता है।
3.इलेक्ट्रिक कार के लिए चार्जिंग स्टेशन बहुत ही काम है जबकि पेट्रोल और डीजल के लिए पम्प जगह – जगह पर हैं।
4.मार्केट में इलेक्ट्रिक कार अभी बहुत ही काम है इसलिए चॉइस भी काम है जबकि पेट्रोल एवं डीजल कार की भरमार है आपके लिए चॉइस बहुत है।
7.इलेक्ट्रिक कार और भारत –
प्रदूषण की समस्या भारत के लिए आज बहुत बड़ी हो गई है, इसके लिए सरकार और संस्थाएं बहुत से उपाय करने में लगी है। वाहनों से बहुत ही अधिक प्रदूषण होता है, पेट्रोल और डीजल वाहनों से निकलने वाला धुआं और आवाज से वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है, इसलिए इलेक्ट्रिक कार को सबसे अच्छा विकल्प समझा जा रहा है। भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक कार को बढ़ावा देने का प्रयास प्रारम्भ कर दिया है। भारत में इलेक्ट्रिक कार लांच हो चुकी है।

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