
Contents-
1.इसरो क्या है? 2.इसरो की स्थापना कब और किसने की? 3.इतिहास 4.इसके मुख्य कार्य 5.अब तक लांच किये गए सेटेलाइट की लिस्ट 6.पूरे भारत में इसरो के सेण्टर 7.इसरो के वैज्ञानिक 8.इसरो की उपलब्धियां |
1.इसरो क्या है –
इसरो का फुल फॉर्म है ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुशंधान संगठन’ ( Indian Space Research Organization ). यह भारत की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी है, ये राष्ट्रिय अंतरिक्ष संसाधनों की देखरेख और उनका रखरखाव का ध्यान रखती है। इसरो में हमेशा नए – नए और बड़े वैज्ञानिक खोज किये जाते हैं जिससे देश की प्रगति बढ़ती है और पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन होता है।
इसरो का मुख्यालय बेंगलूर ( कर्नाटक )में स्तिथ है, इसका पूरा विभाग भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्य करता है। स्पेस सेण्टर में जो भी कार्य होता है उसकी पूरी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को दी जाती है।
2.इसरो की स्थापना कब और किसने की?
इसरो की स्थापना विक्रम अम्बालाल साराभाई ने 15 अगस्त 1959 में की, इसका मुख्यालय बेंगलूर ( कर्नाटक ) में स्तिथ है। आज के समय में अनुमान से लगभग 17000 लोग इस अंतरिक्ष अनुसन्धान केंद्र में कार्य करते हैं।
3.इतिहास –
इसरो की शुरुवात 1920 के दशक में हो गई थी, जब वैज्ञानिक एस के मित्रा ने कोलकता शहर में भूमि आधारित रेडियो प्रणाली को लागू करने के लिए और आयन मंडल की ध्वनि के लिए कई सारे प्रयोग किये थे। इसके बाद कई और बड़े वैज्ञानिक भी वैज्ञानिक सिद्धांतों के निर्माण के लिए आगे आये, जिनमे सी वी रमन और मेघनाद सहाय मुख्य थे। इन दोनों ने वैज्ञानिक सिद्धांतों को पूर्ण करने में महत्वपूर्ण योगदान दोय था।
1945 के बाद से भारत में धीरे – धीरे विकास होने लगा, इस दशक में अंतरिक्ष अनुसन्धान के क्षेत्र में दो नाम सामने आये, होमी भाभा और विक्रम साराभाई। उन्होंने कई सारे प्रयोग करके अंतरिक्ष अनुसन्धान का निर्माण किया जिसमे सबसे पहले उन्होंने कास्मिक किरणों का अध्ययन किया, इसके बाद उन्होंने वायु परीक्षण, कोलार खानो में गहरे भूमिगत प्रयोग और ऊपरी वायुमंडल का सम्पूर्ण अध्ययन करके एक मुख्य अध्ययन अनुशंधान प्रयोगशाला और कुछ विद्यालय एवं स्वतंत्र स्थानों का निर्माण किया।
1950 में परमाणु ऊर्जा विभाग की स्थापना की, जिसका प्रयोग पूरे भारत में अंतरिक्ष अनुसन्धान के लिए धन अर्जित करने के लिए किया गया, क्योकि ये ऐसा समय था जब देश में धन की कमी थी। और दोनों वैज्ञानिक ने भारत सरकार का ध्यान अपने अंतरिक्ष अनुसन्धान में लगाने का प्रयास किया जिसके लिए वे कई तरह के प्रयोग और खोज किया करते थे।
1957 में सोवियत यूनियन ने स्पूतनिक 1 का सफलतापूर्वक लांच किया, तब पूरी दुनिया में अंतरिक्ष से जुडी बातों पर विश्वास किया जाने लगा। भारतीय जनता का भी अंतरिक्ष विज्ञान में रूचि दिखने लगी। इसके बाद 1962 में भारत सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रिय अनुसन्धान समिति बनाये जाने का फैसला लिया गया। इसके पश्चात् इसरो के जनक विक्रम साराभाई के साथ मिलकर भारतीय अनुसन्धान समिति ने ऊपरी वायुमंडल के अध्ययन के लिए एक रॉकेट लांचिंग स्टेशन बनाया जिसकी स्थापना तिरुवनंतपुरम के थुम्बा में की गई।
1969 ईस्वी में अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन को तात्कालिक रूप से इसरो का नाम दिया गया।
4.इसके मुख्य कार्य –
* इसरो का सबसे मुख्य कार्य अंतरिक्ष में लांच होने वाले ह्वीकल सिस्टम और साउंडिंग रॉकेट के सम्पूर्ण डिजाइन बनाने का और उसके विकास की प्राप्ति करने का और उन्हें ठीक तरह से अंतरिक्ष में लांच करने का है।
* दूरसंचार टेलीवीजन प्रसारण सुरक्षा आवश्यकताओं और सामाजिक अनु प्रयोगों के लिए समय – समय पर संचार उपग्रहों को डिजाइन करते रहे और उन्हें अंतरिक्ष में भेजते रहें ताकि हम ठीक तरह से सभी प्रकार के टेलीवीजन इंटरनेट और रेडियो आदि का इस्तेमाल कर सकें।
* प्रकृति द्वारा प्राप्त सभी प्रकार के संसाधनों के मानचित्रण पर पूरी तरह से निगरानी करने के लिए इसरो उपग्रह के डिजाइन बनता है, जो पृथ्वी पर होने वाली सभी आपदाओं का पहले से ही अनुमान लगाने में सक्षम होते हैं।
* इसरो बड़ी – बड़ी नाव के संचालन के लिए उपग्रहों और अंतरिक्ष आधारित प्रणालियों के उचित डिजाइन बनाते हैं तथा उनके विकास और प्राप्ति की देखरेख पूरी तरह से करते हैं।
* इसरो पर कई जिम्मेदारियां हैं जैसे प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, सहायता और कई सामजिक अनुप्रयोगिओं में योगदान।।
* इसरो के द्वारा ही अंतरिक्ष से जुडी वस्तुयें रॉकेट या फिर कोई भी प्रकार का उपकरण बनाया गया है तो उनकी पूरी जाँच परख करना और उनकी अच्छे से देखरेख करना ये सारे कार्य किये जाते हैं।
* इसरो ही देश के लिए कुछ ऐसे हथियार बनाता है जिनकी सहायता से किसी भी प्रकार के युद्ध या फिर कोई भी सीक्रेट मिशन के लिए भारत देश की जनता सदैव तत्पर रहे। यह इसरो का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।
5.अब तक लांच किये गए सेटेलाइट की लिस्ट –
सेटेलाइट का नाम / विशेषताएं और लांच का साल
1).आर्यभट्ट | पहली भारतीय सै सेटेलाइट (19 अप्रैल 1975) |
2).भास्कर -1 | पहली एक्सपेरिमेंटल रिमोट सेंसिंग अर्थ आब्ज़र्वेशन सेटेलाइट ( 7 जून 1979 ) |
3).रोहिणी आरएस -1 | स्वदेशी लांच ह्वीलकल एसएलवी द्वारा पहली भारतीय सेटेलाइट सफलतापूर्वक लांच की गई ( 18 जुलाई 1980 ) |
4).एरीयन पैंसेंजर पलोड़ी पेलोड एक्सपेरिमेंट ( एप्पल ) | पहला भारतीय 3 – एक्सिस स्टैबिलाइज्ड एक्सपेरिमेंटल जियोस्टेशनेरी जिओस्टेशनेरी कम्युनिकेशन सेटेलाइट ( 19 जून 1981 ) |
5).भास्कर -2 | आर्बिट से अर्थ ऑब्जर्वेशन के लिए पहला भारतीय सैटेलाइट (20 नवम्बर 1981) |
6).इनसाइट सैट – 1A ( भारतीय नेशनल सैटेलाइट ) | पहला आपरेशन मल्टीपर्पस संचार एवं मौसम विज्ञान सैटेलाइट ( 10 अप्रैल 1982 ) |
7).IRS-1A ( भारतीय रिमोट सेंसिंग -1A ) | पहला रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट ( 17 मार्च 1988 ) |
8).इनसैट -2A ( भारतीय नेशनल सैटेलाइट ) | पहला भारतीय मल्टीपर्पस सैटेलाइट ( 10 जुलाई 1992 ) |
9).ओसियनसैट -1 ( IRAS – पी 4 ) | पहला भारतीय सैटेलाइट जो विशेष रूप से ओसियन आप्लिकेशंन्स के लिए बनाया गया था (26 मई 1999 ) |
10).कल्पना -1 ( मटसैट ) | पहला भारतीय डेडिकेटेड मीटरोलॉजी सैटेलाइट ( 12 सितम्बर 2002 ) |
11).जीसैट -3 ( ग्रामसैट – 3 ) एडुसैट | पहला सैटेलाइट जो विशेष रूप से एजुकेशनल सेक्टर की सेवा के लिए बनाया गया था ( 20 सितम्बर 2004 ) |
12).IMS-1 ( तीसरा विश्व सैटेलाइट – टीडब्लूसैट ) | पहला भारतीय सैटेलाइट जिसमे इसरो के भारतीय मिनी सैटेलाइट का उपयोग किया गया था ( 28 अप्रैल 2008 ) |
13).आईआरएन एसएस -1 ( भारतीय रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम ) | IRNSA सीरीज में पहला नेविगेशन सैटेलाइट ( 1 जुलाई 2013 ) |
14).मार्स आर्बिटर मिशन ( एमओएम ) स्पेसक्राफ्ट | भारत का पहला मंगल ऑर्बिटर, जिसे मंगलयान भी कहा जाता है( 5 नवंबर 2013 ) |
15).एस्ट्रोसैट | मल्टी – वेवलेंथ स्पेस आब्जर्वेटरी के साथ पहला भारतीय सैटेलाइट ( 28 सितम्बर 2015 ) |
16).जीसैट -15 ( ग्रामसैट – 15 ) | कम्युनिकेशन के उपयोग होने वाली भारतीय सैटेलाइट ( 11 नवंबर 2015 ) |
17).स्वयं -1 | पहला भारतीय सेटेलाइट जोकि पैसिव ऐटिटूड कण्ट्रोल को प्रदर्शित करने के लिए लांच किया गया था ( 22 जून 2016 ) |
18.माइक्रोसैट – टीडी ( माइक्रोसाइट लाइट ) | यह स्पेस में भारत का 100 वा सेटेलाइट था, जो अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट था ( 10 जनवरी 2018 ) |
19).जीसैट – 31 | यह एक हाई थ्रूआउट टेलीकम्युनिकेशन सेटेलाइट था ( 6 फरवरी 2019 ) |
20).ईएम्आईसैट य | ह सेटेलाइट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम मेजरमेंट के लिए था जो एक भारतीय रिकोनाइसन्स सेटेलाइट है ( 1 अप्रैल 2019 ) |
21).चंद्रयान -2 | यह चंद्रयान -1 के बाद भारत का दूसरा लूनर एक्सप्लोरेशन मिशन था ( 22 जुलाई 2019 ) |
22).चद्रयान -3 | 23 अगस्त को चाँद के साउथ पोल में सॉफ्ट लैंडिंग हुई ( 14 जुलाई 2023 ) |
6.पूरे भारत में इसरो के सेण्टर –
इसरो ने भारत के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है और आज विश्व में अपनी एक अलग और खास पहचान रखता है। इसरो ने भारत में 20 महत्वपूर्ण सेंटर किये स्थापित किये हैं।
भारत में विभिन्न उद्देश्यों के लिए अलग – अलग अनुसन्धान केंद्र स्थापित किये हैं। इसरो के 4 मुख्य सेण्टर राजधानी दिल्ली में स्थापित हैं जिनमे से दो केंद्र देहरादून में हैं और एक लखनऊ में है। इसके आलावा इसरो के अन्य केंद्र –
शिलांग, केरल, महेन्द्रगिरि, तिरुवनंतपुरम, हसन, बेंगलूरु, मुम्बई, नागपुर, माउन्ट आबू, अहमदाबाद, जोधपुर, उदयपुर और बालासोर में निर्मित किये गए हैं।
7.इसरो के वैज्ञानिक –
मानव हमेशा से चाँद पर घर बनाने की बात करता आ रहा है , इसरो के वैज्ञानिक इसे वास्तविक रूप देना कहते हैं। इसरो के वैज्ञानिक प्रौधोगिकी को बढ़ावा देना चाहते हैं, इसके लिए वे कई प्रयोग करते आ रे हैं इसमें उन्हें काफी सफलता भी मिल रही है, इससे हमारी आनेवाली भावी पीड़ी के लिए सहायक होगा। वैज्ञानिकों के कई महत्वपूर्ण उद्देश्य और मिशन हैं –
* इसरो एक ऐसे वाहन निर्मित करना चाहते हैं जो आसानी से दूसरे ग्रहों पर जाएँ और वहां पर जीवन की खोज में हमें मदद मिल सके।
* वैज्ञानिक ऐसे उपकरण बनाना चाहते हैं जिससे पृथ्वी पर आने वाली आपदा की भविष्यवाणी की जा सके ताकि इन प्राकृतिक आपदाओं से मानव के अस्तित्व को सुरक्षित रखा जा सके।
* वैज्ञानिकों का मिशन एक ऐसा इमेजनरी प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी रखने के लिए रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट बनाने का है, जो हमारे प्रकृति से जुड़े सभी उद्देश्यों को पूरा करने में समय – समय पर वैज्ञानिक रूप से सरकार की और इसरो के वैज्ञानिकों की मदद कर सके।
* इसरो का सबसे महत्वपूर्ण मिशन भारत का सामाजिक विकास है ताकि अंतरिक्ष के मामले में भारत के प्रयोग सबसे उत्तम हो और पूरे विश्व में भारत की तारीफ हो।
* इसरो का एक ऐसा भी मिशन है जिसमे वैज्ञानिक अंतरिक्ष विज्ञान की सहायता से कुछ ऐसे ग्रहों की खोज भी करना चाहते हैं, जो हमारी पृथ्वी के विकास और जीवन को एक नया प्रारूप प्रदान कर सके।
8.इसरो की उपलब्धियां –
इसरो ने कई उपलब्धियां प्राप्त की हैं उनमे से मुख्य हैं –
(1) 19 अप्रैल 1975 ईस्वी को पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने उपग्रह का लांच किया। इसे ‘आर्यभट्ट’ नाम दिया गया था इसे रूस के वैज्ञानिकों की सहायता से लांच किया गया था।
(2) 2019 तक आते – आते इसरो के द्वारा लगभग 105 से भी ज्यादा सेटेलाइट लांच किया है।
(3) इसरो की सबसे बड़ी उपलब्धि चंद्रयान है, जिसमे चंद्रयान-1 अभियान को 22 अक्टूबर साल 2008 के दिन सतीश धवन स्पेस सेण्टर से लांच किया था। यह यान धरती से छोड़ा गया तथा इसे चाँद तक पहुँचने में करीब 5 दिन लगे और इसको चाँद की कक्षा में पूरी तरह स्थापित होने में कम से कम 15 दिन का समय लग गया।
(4) चंद्रयान-1 ने सफलतापूर्वक 10 महीने तक काम करने के बाद अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का चंद्रयान-1 से पूरी तरह संपर्क टूट गया।
(5) चंद्रयान-1 भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा एक बहुत बड़ी सफलता थी, क्योंकि इस यान ने चन्द्रमा पर पानी की खोज करके वहां भारत देश का परचम लहराया और चाँद पर खोज करने वाला पहला देश बन कर इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज कराया।
(6) 10 साल की मेहनत के बाद चंद्रयान-2 का निर्माण किया गया।
(7)चंद्रा मिशन के बाद इसरो ने मंगल मिशन पर काम किया जिसमे उन्हें सफलता मिली साल 2013 में मिशन मंगल को अंजाम दिया, मिशन मंगल की यात्रा लगभग 298 दिन की रही और 2014 के सितम्बर माह की 24 तारिख वह दिन था जब मंगलयान को पूरी तरह कक्षा में स्थापित करके इसरो ने एक बहुत बड़ी सफलता हासिल की।
(8) 2013 तक कोई भी और देश मंगलयान के मिशन में सफलता हासिल नहीं कर पाया था, इसलिए भारत का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।
FAQ.
Q. इसरो का फुल फॉर्म क्या है?
Ans.इसरो का फुल फॉर्म है ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुशंधान संगठन’ ( Indian Space Research Organization ).
Q.इसरो की स्थापना कब और किसने की?
Ans.इसरो की स्थापना विक्रम अम्बालाल साराभाई ने 15 अगस्त 1959 में की।
Q.इसरो का मुख्यालय कहाँ स्तिथ है?
Ans.इसरो का मुख्यालय बेंगलूर ( कर्नाटक )में स्तिथ है।
Q.इसरो ने अपना पहला उपग्रह कब लांच किया?
Ans.19 अप्रैल 1975 ईस्वी को पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने उपग्रह का लांच किया।
Q.इसरो द्वारा लांच पहले उपग्रह का नाम क्या था? ‘
Ans.’आर्यभट‘
Q. इसरो के अनुसन्धान केंद्र भारत में कहाँ – कहाँ स्थापित किये गए हैं?
Ans.इसरो के 4 मुख्य सेण्टर राजधानी दिल्ली में स्थापित हैं जिनमे से दो केंद्र देहरादून में हैं और एक लखनऊ में है। इसके आलावा इसरो के अन्य केंद्र –
शिलांग, केरल, महेन्द्रगिरि, तिरुवनंतपुरम, हसन, बेंगलूरु, मुम्बई, नागपुर, माउन्ट आबू, अहमदाबाद, जोधपुर, उदयपुर और बालासोर में निर्मित किये गए हैं।
Q. इसरो का अबतक के सबसे सफल मिशन कौन से हैं ?
Ans. रोहिणी RS-1 , मिशन मंगल और चंद्रयान 3
Q. इसरो ने अबतक कितने रॉकेट लांच किये हैं ?
Ans.लगभग 22 से 23
Q. इसरो का अगला मिशन क्या है ?
Ans. गगणयान
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