


छतीसगढ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता, आदिवासी संस्कृति, संसाधन के लिए जाना जाता है। छत्तीसगढ़ में देश का तीसरा सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, इसके पास देश का तीसरा सबसे बड़ा कोयला भंडार है। आज हम छत्तीसगढ़ के ऐसे जिले के बारे में बात करेंगे जहाँ सोने के भंडार हैं। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के फरसाबहार तहसील की ईब एवं उसकी सहायक सोनाजोरी नदी की रेत से सोने के कण निकलने का काम वषों से झोरा जनजातरीय समुदाय करता आ रहा है।
1.जिला प्रशासन और खनिज विभाग –
जिला प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारी इस मामले में अपना पक्ष नहीं रख रहे।
2.निजी कंपनियों के द्वारा सर्वे कराया गया –
केंद्र सरकार ने 2010 में इसे गंभीरता से लिया। खनिज मंत्रालय ने दो निजी कंपनियों जिंदल स्टील एवं पावर लिमिटेड व महाराष्ट्र के मुंबई की कंपनी द मार्क के जरिये सर्वे कराया लेकिन परिणाम संतोशजनक नहीं आये। छह माह के सर्वे के बाद स्वर्ण भंडार की पुष्टि तो हुई, लेकिन मात्रा और भंडार के स्थान का पता नहीं चल सका। उत्खनन उधोग के विरोध की वजह से सर्वे बीच में ही रोक दिया गया था। अब एक बार फिर सर्वे की तैयारी है।
3.कैसे निकाला जाता है सोना –
सोना निकलने के लिए लकड़ी के एक पात्र का प्रयोग किया जाता है, जिसे दोबायन कहा जाता है। इस आयताकार यंत्र का बीच का भाग कटोरानुमा होता है। इसमें नदी के पानी और मिट्टी को लेकर छाना जाता है। इससे सोने के कण पात्र के बीच निर्मित छिद्र में जमा हो जाता है।

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