जशपुर शहर छत्तीसगढ़ राज्य का एक महत्वपूर्ण जिला है जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और आदिवासी संस्कृति के लिए जानी जाती है। महागिरजाघर ( कैथेड्रल ) जशपुर जिले के कुनकुरी नामक स्थान पर स्तिथ है, जो जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर है। हर साल यहाँ लाखों पर्यटक पहुँचते हैं। यह चर्च एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च है। यहाँ क्रिसमस त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

Contents-
1.कुनकुरी चर्च के इतिहास और निर्माण की जानकारी 2.चर्च की वास्तुकला ( Architecture ) 3.कुनकुरी चर्च की खास बातें क्या – क्या हैं? 4.कुनकुरी चर्च कैसे पहुंचे? 5.कुनकुरी चर्च के पास घूमने की और कौन – कौन सी जगह हैं? |
1.कुनकुरी चर्च के इतिहास और निर्माण की जानकारी –
कुनकुरी चर्च को बिशप स्तानिसलास ने बेल्जियम के प्रसिद्ध वास्तुकार कार्डिनल जे ऍम कार्सी एसजे से इसका नक्शा बनवाया था। इस चर्च का निर्माण कार्य वर्ष 1962 में शुरू शुरू हुआ और वर्ष 1979 में पूरा हुआ। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद इस महागिरजाघर का लोकार्पण वर्ष 1982 में हुआ। इस चर्च की नीव तैयार करने में 2 साल का समय लगा और इसका पूर्ण रूप से निर्माण करने में 17 साल का समय लगा। इस चर्च को कैथोलिक ( Catholic ) समुदाय द्वारा बनवाया गया है।
कुनकुरी चर्च के बनाने के बाद से ही यहाँ और भी महत्त्वपूर्ण निर्माण कार्य हुए जैसे – लोयोला स्कूल, हॉलीक्रॉस हॉस्पिटल आदि।
2.चर्च की वास्तुकला ( Architecture ) –
इस चर्च की बनावट अर्ध गोलाकार है जिसे ड्रोन कैमरे में देखने पर ऐसा लगता है जैसे मानो प्रभु येसु दोनों हाँथ फैलाये हुए अपने पास बुला रहे हैं। इस चर्च को बनाने में ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। यह चर्च एक ही बीम पर टिका है जो वास्तुकला का एक बेजोड़ नमूना है। इस चर्च के कई हिस्सों को अलग – अलग जगहों से लाया गया है जैसे –
चर्च की छत को उड़ीसा के राउरकेला से, खिड़कियों में बने संस्कार झारखण्ड से बनवाया गया है, चर्च में लगे घंटी को केरल से और क्रॉस के ऊपर बने कबूतर जिसे पवित्र आत्मा का प्रतीक मन जाता है उसे छत्तीसगढ़ के बस्तर के क्षेत्र से लाया गया है। इस प्रकार इस चर्च के बनाने में सभी क्षेत्र के लोगों का सहयोग है।

कैथोलिक समुदाय में 7 अंक का विशेष महत्व है इसलिए इसे ध्यान में रख कर इसका निर्माण कराया गया है। इस चर्च में 7 छत हैं, 7 दरवाजें हैं, और इनके दरवाजों पर साथ 7 संस्कारों ( बपतिस्मा संस्कार, पवित्र परमप्रसाद संस्कार, पाप स्वीकार संस्कार, दृढ़करण संस्कार, विवाह संस्कार, पुरोहिताई संस्कार और रोगियों का संस्कार )के चिन्ह अंकित हैं।
3.कुनकुरी चर्च की खास बातें क्या – क्या हैं?
* यह चर्च एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च है, इस चर्च में एक साथ 8000 से 10000 लोग प्रार्थना के लिए बैठ सकते हैं।
* इस चर्च की खूबसूरती देखने और प्रार्थना करने के लिए हर साल लगभग 5 लाख से अधिक पर्यटक ( सभी धर्मों के ) यहाँ पहुँचते हैं।
* यह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है।
* इस चर्च को कैथोलिक ( Catholic ) समुदाय द्वारा बनवाया गया है।
* चर्च के अंदर की सजावट भी नियमों को ध्यान में रख कर किया गया है जो की बहुत ही सुन्दर हैं जिसकी चर्चा आज देश – विदेश में की जाती है।
4.कुनकुरी चर्च कैसे पहुंचे?
कुनकुरी के महागिरजाघर तक पहुंचना बहुत ही आसान है। आप यहाँ अपने वाहन से या बस से पहुँच सकते हैं।
1.निकटतम रेलवे स्टेशन – रांची रेलवे स्टेशन और अंबिकापुर रेलवे स्टेशन।
2.निकटतम बस स्टैंड – कुनकुरी बस स्टैंड, जशपुर सड़क मार्ग द्वारा रायगढ़, अंबिकापुर, रांची के साथ जुड़ा हुआ है।
3.निकटतम हवाई अड्डा – रांची हवाई अड्डा से दिल्ली, कोलकाता, पटना, मुम्बई लखनऊ, वाराणसी और काठमांडू जैसे शहरों से नियमित उड़ने हैं।
5.कुनकुरी चर्च के पास घूमने की और कौन – कौन सी जगह हैं?
जशपुर जिले में और बहुत से पर्यटन स्थल हैं जहाँ आप जरूर जाना चाहेंगे। जब भी आप कुनकुरी चर्च देखने आएं और भी जगह पर्यटन स्थल देखने अवश्य जाएँ जैसे –
* कैलाश गुफा – स्थानीय लोगों का मानना है की दिव्य गखिरा गुरु ने यहाँ तपस्या करके शंकर जी को प्रसन्न किया था।
* दनगरी झरना – यह झरना घने जंगल में स्तिथ है इसकी ऊंचाई 100 फ़ीट है , लोग यहाँ पिकनिक मनाने आते जाते हैं।
* राजपुरी – यह भी लोगों का पसंदीदा पिकनिक स्पॉट है यह झरना जशपुर से लगभग 90 किमी दूर बगीचा नामक स्थान में है।
* रानीदाह जलप्रपात – यह जंगल के बीच स्तिथ है, यह जशपुर से 12 किमी दूर है।
FAQ
Q.चर्च का निर्माण कब हुआ?
Ans. इस चर्च का निर्माण कार्य वर्ष 1962 में शुरू शुरू हुआ और वर्ष 1979 में पूरा हुआ।
Q. कुनकुरी चर्च का नक्शा किसने बनवाया?
Ans.बिशप स्तानिसलास ने बेल्जियम के प्रसिद्ध वास्तुकार कार्डिनल जे ऍम कार्सी एसजे से इसका नक्शा बनवाया था।
Q. महागिरजाघर का लोकार्पण कब हुआ?
Ans.महागिरजाघर का लोकार्पण वर्ष 1982 में हुआ।
Q. कुनकुरी चर्च का पूर्ण रूप से निर्माण करने में कितना समय लगा?
Ans.पूर्ण रूप से निर्माण करने में 17 साल का समय लगा और इस चर्च की नीव तैयार करने में 2 साल का समय लगा।
Q. इस चर्च को किस समुदाय द्वारा बनवाया गया है।
Ans.इस चर्च को कैथोलिक ( Catholic ) समुदाय द्वारा बनवाया गया है।
Q. इसका निर्माण किससे किया गया है?
Ans.इस चर्च को बनाने में ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।
Q. इस चर्च में एक साथ कितने लोग प्रार्थना के लिए बैठ सकते हैं?
Ans. इस चर्च में एक साथ 8000 से 10000 लोग प्रार्थना के लिए बैठ सकते हैं।
Note- ये सभी जानकारियाँ(Information) इंटरनेट(Internet) से ली गईं हैं, अगर कोइ जानकारी गलत लगे तो आप हमें कमेंट(Comment) कर सकते हैं,हम इसे अपडेट करते रहेंगे। आपको हमारी आर्टिकल अच्छी लगती हैं तो आगे भी पड़ते रहें और इसे शेयर(share) करें।