Skip to content
kujurdeepti.in
kujurdeepti.in

Follow your Dreams

  • Home
  • About Us
  • Historical/Mysterious Places & Stories
  • Book summary & Biography (Hindi)
  • The Indian Tribes
  • Historical Facts
  • Education System ( Science & Technology )
  • History [World,Indian,Chhattisgarh]
  • Contact us
  • Privacy Policy
    • Posts
kujurdeepti.in

Follow your Dreams

Chhattisgarh ki 36 hari bhajiyon ke naam|छत्तीसगढ़ की 36 प्रकार की भाजियों के नाम|उनकी विशेषताएं

Posted on December 1, 2022July 18, 2024 By Deepti

छत्तीसगढ़ राज्य अपनी अलग संस्कृति के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जानी जाती है। यंहा घने जंगल हैं जाना विभिन्न प्रकार के पेड़- पौधे,जड़ीबूटी और जंगलीफल पाय पाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य ने औधोगिक विकास के साथ- साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता को भी बने बनाये रखा है। जहाँ तक भोजन या व्यंजन की बात करें छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है इसलिए यहाँ के व्यंजन में ज्यादातर चावल का प्रयोग किया जाता है। छत्तीसगढ़ में हरे पत्तेदार सब्जियों की बहुतायत है जिन्हे भाजी कहा जाता है। यहाँ 80 से 100 तरह की भाजियां पाई जाती हैं लेकिन भाजियों की 36 ऐसी किस्म हैं जिन्हे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। शोध से पता चला है इन भाजियों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं आगे इसके बारे में आप पड़ सकते हैं।

Contents-

A.भाजियों के प्रकार.
B.भाजियों की खासियत.

भाजियों के प्रकार:

1.अमारी भाजी
2.पटवा भाजी
3.करमत्ता भाजी
4.कोइलार भाजी
5.लाल चेंच भाजी
6.सफ़ेद चेंच भाजी
7.कोचई भाजी
8.लाल भाजी
9.केना भाजी
10.चना भाजी
11.चरोटा भाजी
12.गोंदली भाजी
13.मुराई भाजी
14.मखना भाजी
15.पालक भाजी
16.गोभी भाजी
17.मेंथी भाजी
18.करेला भाजी
19सरसों भाजी
20.बरबट्टी भाजी
21.चुनचुनिया भाजी
22.खेड़ा भाजी
23.बोहार भाजी
24.गुमी भाजी
25.भथुआ भाजी
26.बार्रे भाजी
27.कुर्मा भाजी
28.चनौरी भाजी
29चौलाई भाजी
30.तिवरा भाजी
31.टिपणीय भाजी
32.मुस्कैनी भाजी
33.मुनगा भाजी
34.पीपर भाजी
35.कंदा भाजी
36.पोइ भाजी

भाजियों की खासियत: सभी सब्जियां क्षेत्र के वातावरण और मौसम के हिसाब से उगती हैं आप जिस क्षेत्र में ज्यादा समय तक रहते है वहां उगने वाली सब्जिया आपको ज्यादा खानी चाहिए किसी भी भाजी को आवश्यकता से अधिक खाना नुकसान भी देता है-

* चुनचनिया भाजी – पेट साफ़ रखता है

*पटवा भाजी – ये गर्मी में लू से बचती है

* खेड़ा भाजी – इसकी तासीर गर्म होती है ये सर्दी जुकाम के लिए सही है

* भतुआ भाजी – विटामिन और प्रोटीन होता है ये पैरों के लिगामेंट के लिए अच्छा होता है

* सरसों भाजी – ठण्ड के समय लाभकारी होता है

* चरोटा भाजी – पेट मरोड़ या पेचिस में आराम देता है

* मेंथी भाजी – पेट के कीड़े से लेकर सर दर्द में आराम देता है

* चौलाई भाजी – रक्त और धमनियों के विकाश में सहायक

* करमत्ता भाजी – मुंह के छाले ठीक करता है

* पालक भाजी – इसमें आयरन भरपूर मात्रा में होता है,कैल्शियम और विटामिन-A

* लाल भाजी – गर्मी के दिनों में फायदेमंद होता है

* कंदा भाजी – त्वचा सम्बन्धी रोगों में लाभदायक होता है

* तिवरा भाजी – आयरन और कैल्शियम होता है

* चना भाजी – हाजमा अच्छा रहता है

* अमारी भाजी – शारीरिक विकासके लिए अच्छा होता है

* गोभी भाजी – विटामिन-C है और हड्डियों के विकाश के लिए अच्छा

Note- ये सभी जानकारियाँ(Information) इंटरनेट(Internet) से ली गईं हैं, अगर कोइ जानकारी गलत लगे तो आप हमें कमेंट(Comment) कर सकते हैं,हम इसे अपडेट करते रहेंगे। आपको हमारी आर्टिकल अच्छी लगती हैं तो आगे भी पड़ते रहें और इसे शेयर(share) करें।

The Indian Tribes

Post navigation

Previous post
Next post

Related Posts

Kurukh Language|History, Scrip(Lipi)|कुड़ुख भाषा|इतिहास,लिपि

Posted on November 19, 2022September 24, 2024

1.कुङुख भाषा का इतिहास 2.कुङुख लिपि 3.कुङुख भाषा साहित्य के प्रमुख पुस्तक 4.कुङुख पात्रिका कुङुख या कुरुख एक द्रविङ भाषा परिवार की भाषा है। लिग्विंस्टिक सर्वे आफ इंडिया 2011 के रिर्पोट कि संख्या 19,88,350 है,पर कुरुख भाषी उरांव लोग अपनी जनसंख्या के बारे में बतलाते हैं कि पूरे विश्व में कुरुख…

Read More

The Indian Tribes||Classification of indian Trribes भारतीय जनजातियां|भारतीय जनजातियों का वर्गीकरण

Posted on November 14, 2022August 16, 2024

                          1. परिचय ( Introduction )2. चार भागों में  विभाजित किया गया है/ वर्गीकरण ( Classification )3. कुछ प्रमुख जनजातियों के नाम ( Some major tribes )4. निवास क्षेत्र ( Residence area )5.भारत के राज्य और जनजाति (…

Read More

Who is Jaipal Singh Munda?|जयपाल सिंह मुंडा कौन हैं?

Posted on July 13, 2023August 16, 2024

पूरा नाम ईश्वर जयपाल सिंह मुंडा प्रचलित नाम ‘मरड गोमके’ जन्म –मृत्यु – 3 जनवरी 1903 ( जन्म )20 मार्च 1970 को दिल्ली में ( मृत्यु ) जन्म स्थान झारखण्ड के खूँटी नमक छोटे से गॉव में जनजाति समुदाय से सम्बंधित मुंडा जनजाति शुरुवाती शिक्षा रांची के सेंट पाल स्कूल…

Read More

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

©2025 kujurdeepti.in | WordPress Theme by SuperbThemes