Skip to content
kujurdeepti.in
kujurdeepti.in

Follow your Dreams

  • Home
  • About Us
  • Historical/Mysterious Places & Stories
  • Book summary & Biography (Hindi)
  • The Indian Tribes
  • Historical Facts
  • Education System ( Science & Technology )
  • History [World,Indian,Chhattisgarh]
  • Contact us
  • Privacy Policy
    • Posts
kujurdeepti.in

Follow your Dreams

what is Computer?|कंप्यूटर क्या है?|परिभाषा, प्रकार, इतिहास, उपयोग, लाभ और हानि

Posted on December 14, 2022August 16, 2024 By Deepti

विज्ञान ने कई आविष्कार किये हैं इससे मानव जीवन काफी आसान हो गया है विज्ञान ने सूचना, संचार के क्षेत्र में मोबाइल, कंप्यूटर व इंटरनेट के द्वारा बहुत बड़ा बदलाव किया है। भारत में भी कंप्यूटर का प्रयोग लगभग दो दशक से हो रहा है और विकास की ओर आगे बढ़ता जा रह है। कम्प्यूटर आज सबके लिए आवश्यक हो गया है हर तरह के काम इसके माध्यम से होते हैं इसलिए आज लगभग सभी व्यक्ति के पास कंप्यूटर है। इसके द्वारा ऑफिस के काम, पढ़ाई, घर बैठे शॉपिंग, लोगों के साथ संपर्क बनाना, सूचना प्राप्त करना आदि सारे काम किये जाते हैं, कंप्यूटर के कारण आज हमें बहुत सी सुविधाएँ मिल रही हैं।

Contents –

1.कंप्यूटर क्या है? ( परिभाषा ,प्रकार )
2.कंप्यूटर का इतिहास
3.भारत में पहला कंप्यूटर
4.कंप्यूटर की मानव जीवन में उपयोगिता
5.कंप्यूटर के नुकसान

1.कंप्यूटर क्या है?( परिभाषा ) :

“Computer” कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के “Computare” शब्द से हुई है जिसका अर्थ गणना करना है। कंप्यूटर को हिंदी में “संगणक” कहा जाता है। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक( Electronic) उपकरण( Device) है, जो उपयोगकर्ता से डाटा (Data) और निर्देशों के रूप में इनपुट प्राप्त करता है, एक बार इनपुट (Input)डाटा प्राप्त होने के बाद यह डाटा की प्रोसेसिंग शुरू कर देता है और उपयोगकर्ता के निर्देशों के अनुसार हमें आउटपुट ( output )प्रदान करता है।

परिभाषा– “ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी के अनुसार- कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो सूचनाओं को संग्रहित, व्यवस्थित और खोज सकता है, गणना कर सकता है और अन्य मशीनों को नियंत्रित कर सकता है।”

“कंप्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रानिक मशीन है जो जटित समस्या को जल्दी से हल कर सकता है। कंप्यूटर एक समय में गलतियां किये बिना कई स्तिथियों को जल्दी से हल कर सकता है। किसी भी प्रकार के कठिनाई के बिना, यह बड़ी संख्या को जोड़, घटा, गुणा और विभाजित कर सकता है।”

सरल शब्दों में- कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की तार्किक गणनाओं के लिए किया जाता है जो डाटा को स्वीकार करता है, उसे संगृहीत करता है, निर्देशों के अनुसार उसकी प्रोगरामिंग करता ही और हमें आउटपुट प्रदान करता है।

कंप्यूटर के प्रकार :

इसे तीन भागों में बनता गया है –

1.कार्यप्रणाली के आधार पर

2.उद्देश्य के आधार पर

3.आकार के आधार पर

1.कार्यप्रणाली के आधार पर-

A. एनालॉग कंप्यूटर-

ये ऐसे कंप्यूटर हैं जो दबाव, तापमान, वोल्टेज, गति आदि जैसे मात्राओं को मापते हैं, एनालॉग कंप्यूटर भौतिक मात्राओं को मापने के लिए जाने जाते हैं जो लगातार बदलते रहते हैं इसके उदाहरणो में वोल्ट्मीटर और अमीटर शामिल हैं।

B. डिजिटल कंप्यूटर –

ये ऐसे कंप्यूटर सिस्टम हैं जो की एनालॉग कंप्यूटर के विपरीत है बाइनरी नंबर का उपयोग करते हैं।दूसरे शब्दों में , इसमें सभी डाटा को 0 और 1 के रूप में प्रोसेस किया जाता है, यह कंप्यूटर का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला प्रकार है। आज डिजिटल कंप्यूटर ने एनालॉग कंप्यूटर की जगह ले ली। डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण हैं – डेस्कटॉप पर्सनल कंप्यूटर, वर्कस्टेशन, टैबलेट आदि।जैसा की नाम से ही पता चलता है, एनालॉग कंप्यूटर के साथ – साथ डिजिटल कंप्यूटर का भी काम कर सकता है।

C. हाइब्रिड कंप्यूटर –

हाइब्रिड कंप्यूटर में एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर दोनों की कार्यक्षमता होती है। हाइब्रिड कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक गणना के लिए, बड़े उधोगों में और रक्षा प्रणालियों में किया जाता है।

2.उद्देश्य के आधार पर-

A.सामान्य कंप्यूटर –

इस कंप्यूटर का प्रयोग करके दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों को पूरा किया जा सकता है, उदाहरण के लिए – लेखन और संपादन, इंटरनेट ब्राउजिंग, मनोरंजन, गेम खेलना आदि। डेस्कटॉप, नोटबुक, स्मार्टफोन और टैबलेट सभी सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर के उदाहरण हैं।

B.विशेष कंप्यूटर –

ये कंप्यूटर विशेष समस्या को हल करने के लिए डिजाइन किये होते हैं, इसलिए उन्हें विशेष कंप्यूटर के रूप में जाना जाता है क्योंकि इन कम्प्यूटरों का उपयोग किसी विशेष कार्य को करने के लिए किया जाता है। इस तरह के कंप्यूटर सिस्टम के उदाहरणो में मौसम विज्ञान, ट्रैफिक कण्ट्रोल, अंतरिक्ष विज्ञान, उपकरण संचालन सिस्टम, आटोमोटिव उधोगों में, वैज्ञानिक अनुसन्धान आदि शामिल हैं।

3.आकार के आधार पर-

A. सुपर कंप्यूटर –

यह दुनिया का सबसे तेज़ कंप्यूटर है जो सामान्य कंप्यूट की तुलन में बहुत तेजी से डाटा की प्रोसेसिंग करता है। सुपर कंप्यूटर बहुत मंहगें होते हैं और विशेष अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किये जाते हैं उनका उपकरण अत्यधिक महत्वपूर्ण डाटा और गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर हर एक सेकण्ड में दस ट्रिलियन गणना कर सकता है, चीन का “Tianhe-2” दुनिया का सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर है।

B. मेनफ्रेम कंप्यूटर –

मेनफ्रेम एक प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसका उपयोग बड़े संगठनों द्वारा मुख्य रूप से महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है, जिन्हे उच्च डाटा प्रोसेसिंग की आवश्यकता होती है। यह आमतौर पर बड़े आकार, भण्डार क्षमता, तेज़ डाटा प्रोसेसिंग और उच्च विश्वसनीयता और सुरक्षा के लिए जाना जाता है। एक मेनफ्रेम कंप्यूटर जिसे “Big Iron” के नाम से जाना जाता है जो मुख्य रूप से सरकारी और गैर सरकारी संगठनों द्वारा उपयोग किया जाता है।

C. माइक्रो कंप्यूटर –

यह कंप्यूटर अपनी सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के रूप में एक माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग करता है। माइक्रो कंप्यूटर एक छोटा, अपेक्षाकृत सस्ता और आकर्षक कंप्यूटर होता है, जिसे व्यक्तिगत उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है। माइक्रो कंप्यूटर, मेनफ्रेम और मिनी कंप्यूटर की तुलना में आकर में छोटा होता है। विभिन्न माइक्रो कंप्यूटर व्यापक रूप से उपलब्ध हैं, जैसे – आईबीएम पीसी ( IBM PC), एप्पल iMac ( Apple iMac) आदि।

D. मिनी कंप्यूटर

इस कंप्यूटर में बड़े कंप्यूटर की अधिकांश विशेषताएं और क्षमताएं होती हैं लेकिन आकार में छोटा होता है। मिनी कंप्यूटर का आकर माइक्रो कंप्यूटर और मेनफ्रेम कंप्यूटर के बीच होता है। मिनी कंप्यूटर को एक मिड – रेंज कंप्यूटर भी कहा जाता है। मिनी कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग, व्यापार लेनदेन, फाइल हैंडलिंग और डाटा बेस प्रबंधन के लिए किया जाता है। मिनी कंप्यूटर मल्टी यूजर सिस्टम का उपयोग करता है, जिससे एक से अधिक उपयोगकर्ता एक साथ काम कर सकते हैं। मिनी कंप्यूटर के उदाहरण – HP 9000, RISC 6000, BULL HN- DPX2 और AS 400 आदि हैं।

2.कंप्यूटर का इतिहास:

कंप्यूटर शब्द सबसे पहले 1613 में आया, जिसका अर्थ होता है गणना, 19वीं शताब्दी की शुरुआत में चरस चार्ल्स बब्बगे ने पहला कंप्यूटर बनाया था, उन्होंने एनालिटिकल इंजन डिजाइन किया था, और कंप्यूटर का बेसिक फ्रेमवर्क तैयार किया था, इसी फ्रेमवर्क पर आगे चलकर कम्प्यूटर की रचना को आगे बढ़ाया गया वैसे सही तौर पर कंप्यूटर का विकाश तीन पीड़ी में हुआ है, हर पीड़ी एक निश्चित अवधी की थी, हर पीड़ी के बाद हमें एक बेहतर नया कंप्यूटर मिला है।

  • 1937- 1946 के बीच –
  • 1937 में पहला डिजिटल कंप्यूटर डॉ जान वी अटनासोफा और क्लीफोर्ड बेर के द्वारा बने गया था।इसे अटनासॉफ – बेर्री कंप्यूटर (ABC) नाम दिया गया। 1943 में इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर को कोलोसस नाम दिया गया, जिसे मिलिट्री के लिए बनाया गया। 1946 तक इस पर आगे काम चलता रहा और डिजिटल कंप्यूटर एवं न्यूमेरिकल इंटीग्राम कंप्यूटर (ENIAC) बनाये गए। कहते हैं इस कंप्यूटर का वजन 30 tan था, इसमें प्रोसेसिंग के लिए 18 हजार विक्कुम ट्यूब इस्तेमाल होते थे। इस समय के कंप्यूटर एक समय में एक ही काम कर पाते थे, साथ ही इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम भी नहीं था।
  • 1947 -1962 के बीच –इस समय के कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांसिस्टर का उपयोग किया गया, जो ज्यादा विश्वसनीय था। 1951 में पहली बार कंप्यूटर को पब्लिक के सामने रखा गया और इसका उपयोग सार्वजनिक कर दिया गया। 1953 में IBM ने 650 एवं 700 सारीज के कंप्यूटर बनाये। इस समय के कंप्यूटर में करीब 100 तरह की प्रोग्रामिंग लैंगुएज डेवलप की गई, साथ ही इसमें मेमोरी और ऑपरेटिंग सिस्टम भी था। स्टोरेज के लिए टेप, डिस्क थी, साथ प्रिंटर को भी कंप्यूटर से जोड़ा गया।

  • 1963 – आज तक –इंटीग्रेटेड सर्किट ने कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी का निर्माण किय। इस उत्पत्ति के साथ कंप्यूटर का साइज छोटा हो गया, वो ज्यादा ताकतवर और रिलायबल हो गया, इसके साथ ही अब लोग कंप्यूटर में एक समय में बहुत सारे काम कर सकते थे। 1980 में MS-DOS का निर्माण हुआ। 1981 में IBM ने घर व ऑफिस के लिए पर्सनल कंप्यूटर सबके सामने ले आया। इसके तीन साल बाद APPLE ने MAC कंप्यूटर का निर्माण कर दिया और 90 के दसक में कंप्यूटर को विंडोस ऑपरेटिंग सिस्टम ( windows operating system )मिल गया।

3.भारत में पहला कंप्यूटर –

भारत ने पहला कंप्यूटर 1956 में 10 लाख रूपए में आया था यह HEC 2M कंप्यूटर था, जिसे कलकत्ता के एक इंस्टिट्यूट में लगाया गया था।

4.कंप्यूटर की मानव जीवन में उपयोगिता –

  • कंप्यूटर का प्रयोग आज सभी तरह के ऑफिस में होता है, इससे आर्थिक स्तिथि में सुधर आ रहा है।
  • जनसँख्या वृद्धि के कारण समस्याएं भी बड़ी, इनमें से एक थी, गणना की समस्या, पहले तो उँगलियों में गिनती हो जस्ती थी, लेकिन जनसँख्या बढ़ने से ये समस्या हर तरह आने लगी, कंप्यूटर ने समस्या सेकेण्ड में सुलझा दी, कंप्यूटर द्वारा बड़ी गणना होने लगी।
  • कंप्यूटर के आने से इंटरनेट आ पाया, बिना कंप्यूटर के इंटरनेट नहीं आ पता, 1969 में पहली बार अमेरिका में इंटरनेट आया था, 1090 में इसे औपचारिक किया गया और इसका प्रयोग व्यक्तिगत केंद्र में भी होने लगा। इंटरनेट ने आज मानव जीवन को सुविधा दे दी है।
  • इंटरनेट से पलभर में पूरी दुनिया की जानकारी मिल जाती है पहले कोई जानकारी पाने के लिए किताबों का प्रयोग होता था।
  • मुश्किल जानकारी भी आसानी से हम तक इंटरनेट के द्वारा पहुँच जाती है इससे रिसर्च में लगने वाला काफी समय बचता है।
  • इंटरनेट के द्वारा जीपीएस चलता है जिससे मैप के द्वारा किसी भी जगह के बारे में जानकारी मिल जाती है।
  • इंटरनेट के द्वारा हम घर बैठे शॉपिंग कर पा रहे हैं।
  • इंटरनेट के द्वारा हम हजारों किलोमीटर दूर बैठे लोगों से बात कर पा रहे हैं, हम उनको वीडियो कॉल से देख भी पा रहे हैं।
  • इंटरनेट के द्वारा हम घर बैठे अपने बैंक अकाउंट को मैनेज कर पाते हैं।
  • इंटरनेट के द्वारा हम टिकट बुक कर सकते हैं हमे ऑफिस जा कर लाइन में खड़े रहने की जरुरत नहीं।
  • इंटरनेट के द्वारा हम घर बैठे गैस, बिजली, फ़ोन, क्रेडिट कार्ड, पानी आदि का बिल भर पा रहे हैं।
  • लोग अब घर में ही अपने बिज़नेस का लेखा – जोखा कंप्यूटर में रखने लगे हैं।
  • ट्रैन, एरोप्लेन, बस आदि की जानकारी इंटरनेट में मिल जाती है, हम टैक्सी भी बुक कर लेते हैं।
  • सरकारी काम में भी अब कम्प्यूटर की सहायता ली जाती है जिससे काफी सुविधा होती है।
  • कम्प्यूटर, इंटरनेट से आज स्कूल, कॉलेज में पढ़ाई भी होती है विधार्थियों को बहुत सी जानकारी इंटनेट के माध्यम से दी जाती है। जिससे पढ़ाई में काफी मदद मिलता है और विधार्थी रूचि से पढ़ाई करते हैं।
  • आजकल आपरेशन भी कम्प्यूटरकृत हो गया है जिससे चिकित्सा के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है।
  • कंप्यूटर के कारण मानव अंतरिक्ष का बारीकी से अध्ययन कर पा रहा है।

5.कंप्यूटर के नुकसान –

  • कंप्यूटर के अधिक प्रयोग से मानव आलसी हो गया है।
  • मानव ने अपनी आत्मनिर्भरता खो दी है।
  • इसके कारण रोजगार काम हो गए हैं।
  • इंटरनेट के कारण जालसाजी बढ़ गई है और ऐसे लोगों के लिए जालसाजी आसान गया है.
  • लोग अब एक दूसरे से ऑनलाइन दोस्ती करते हैं इससे सामजिक जावन प्रभावित हुआ है।
  • इंटरनेट पर ऐसे बहुत से साइट हैं जो अश्लील हैं और गलत शिक्षा देती हैं जिससे बच्चे और युवा पीड़ी की गलत रास्ते पर जा रहे हैं.
  • बिना किसी जानकार से सलाह लिए लोग इंटरनेट से जानकारी लेकर उसका प्रयोग अपने जीवन में करते हैं इससे हानि होती है।
  • सोशल मीडिआ में लोग बहुत समय बर्बाद कतरते हैं।
  • बच्चे कम्प्यूटर पर ज्यादा टाइम बिताते हैं उसी में गेम खेलते है जिसके कारण वे बहार खेलने नहीं जाते इससे उनकी सेहत प्रभावित होती है।

मशीनों का अविष्कार लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए हुआ है,लोगों को कंप्यूटर, इंटरनेट या कोई भी मशीन का प्रयोग एक हद तक करना चाहिए, इन्हे अपने ऊपर हावी होने नहीं देना चाहिए। वो सारे काम जो मशीन के बिना आसानी से किये जा सकते हैं उसे हमें खुद ही करने चाहिए।

Computer Architecture in Hindi|कंप्यूटर की संरचना

Note- ये सभी जानकारियाँ(Information) इंटरनेट(Internet) से ली गईं हैं, अगर कोइ जानकारी गलत लगे तो आप हमें कमेंट(Comment) कर सकते हैं,हम इसे अपडेट करते रहेंगे। आपको हमारी आर्टिकल अच्छी लगती हैं तो आगे भी पड़ते रहें और इसे शेयर(share) करें।

Education System ( Science & Technology )

Post navigation

Previous post
Next post

Related Posts

ISRO ke baare mein poori jankaari|इसरो के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में

Posted on September 14, 2023August 16, 2024

1.इसरो क्या है? 2.इसरो की स्थापना कब और किसने की? 3.इतिहास 4.इसके मुख्य कार्य 5.अब तक लांच किये गए सेटेलाइट की लिस्ट 6.पूरे भारत में इसरो के सेण्टर 7.इसरो के वैज्ञानिक 8.इसरो की उपलब्धियां 1).आर्यभट्ट पहली भारतीय सै सेटेलाइट (19 अप्रैल 1975) 2).भास्कर -1 पहली एक्सपेरिमेंटल रिमोट सेंसिंग अर्थ आब्ज़र्वेशन…

Read More

Gaganyaan Mission (ISRO) In Hindi|गगनयान मिशन की पूरी जानकारी

Posted on November 22, 2022August 6, 2024

मूल देश भारत आपरेटर इसरो चालक दल की छमता 3 से 4 शुष्क द्रव्यमान 3,735 kg आयाम व्यास 3.5 मीटर (11फ़ीट ) ऊंचाई 3.58 मीटर (11.7फ़ीट ) 1.क्या है गगणयान मिशन?2.कब हुई थी गगणयान की शुरुआत?3.इस मिशन का क्या प्लान है?4.इस मिशन में खर्चा कितना होगा? 5.इसमें कौन सा अंतरिक्ष…

Read More

What is Chat GPT?|Hindi|Chat GPT क्या है?

Posted on December 28, 2022August 1, 2024

1.Highlights2.ChatGPT क्या है?( full form )3.यह (ChatGPT)काम कैसे करता है?4.इसका इतिहास 5.ChatGPT की विशेषताएं 6.फायदे और नुकसान 7. ChatGPT क्या गूगल को पीछे छोड़ देगा? Name Chat GPT Site chat.openai.com Release 30 Nov. 2022 Type Artificial Intelligence License Proprietey Original Author OpenAI CEO Sam Altman

Read More

Comment

  1. Pingback: Computer Architecture in Hindi|कंप्यूटर की संरचना - kujurdeepti.in

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

©2025 kujurdeepti.in | WordPress Theme by SuperbThemes